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9 section(s)

    इस मॉड्यूल की शुरुआत करने से पहले ये जान लेना अच्चा रहेगा कि साहित्य की विधाओं को समझना महत्वपूर्ण क्यों है?

    • बच्चों को पाठक बनाना चाहते हैं, तो उन्हें विभिन्न साहित्य विधाओं से परिचित कराना जरूरी है।
    • प्रत्येक विधा की अपनी विशिष्ट भाषा विशेषताएँ, शब्दावली और लेखन शैलियाँ होती हैं।
    • विभिन्न विधाओं से जुड़कर बच्चों के साहित्यिक क्षितिज का विस्तार होता है।
    • यह उन्हें विभिन्न प्रकार के साहित्य का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
    • बच्चों को विभिन्न शैलियों से परिचित कराकर, शिक्षक पढ़ने की विविधता को बढ़ावा देते हैं।
    • शिक्षकों को विधाओं की समझ होनी चाहिए ताकि बच्चों तक विभिन्न अच्छी पुस्तकों को पहुंचाया जा सके।

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    अच्छी कहानियाँ बच्चों को उनके जीवन से संबंधित विचारों और मुद्दों के साथ-साथ उन जीवनों और दुनियाओं से परिचित कराती हैं जो अभी तक उनके द्वारा अनदेखे या अकल्पनीय हैं। साथ ही यह उन्हें इन्हें अपने जीवन से जोड़ने और उन पर विचार करने की भी अनुमति देती है। अच्छी कहानियों में कल्पनाशील और सौंदर्यात्मक गुण होते हैं अच्छी कहानियां उस मिठाई के सामान है जिसको खाने का मन करे, उस रास्ते की तरह हो जो कभी खत्म न हो, और उस मेले की तरह हो जहाँ जा कर मजा आए

    Quote




    कहानियां लेखक की कल्पना पर आधारित होती है। कहानियों को समझने के लिए उनके कुछ महत्वपूर्ण तत्वों को समझना होगा। इन तत्वों को समझ कर हम अच्छी कहानी के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के साथ-साथ पाठ के साहित्यिक गुणों की सराहना के लिए भी उपयोग कर सकते है। आइए इन तत्वों के बारे में जाने…..

    • भाषा
    • विषय वस्तुथीम
    • कथानक
    • पात्र
    • चित्रांकन
    • सेटिंग
    • पठन स्तर
    • मूल्य
    • विविधता

     

    भाषा 

    भाषा सरल, सहज और सजीव हो, साथ ही जो अपने शब्दों और लय के जादू से पाठक में कल्पना को जागृत करे और पठन आनंद को भी बढ़ाए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भाषा को कहानी का अनुसरण करना आसान बनाना चाहिए। पाठ में कुछ कठिन शब्दावली को शामिल किया जा सकता है, ताकि पाठक नए शब्दों से परिचित हों, लेकिन बहुत जटिल शब्द या वाक्य संरचनाओं से बचा जा सकता है।
     

    विषय वस्तु/ थीम

    विषय वस्तु रोचक हो, जो कल्पना को उत्तेजित करे। बाल-केंद्रित और प्रासंगिक हो जिसमे जिज्ञासा और सीखने, हंसी और मनोरंजन के अवसर शामिल होने चाहिए विषय और संदर्भ धीरे-धीरे ज्ञात से कम ज्ञात की ओर बढ़ सकते हैं। बच्चों को ज्ञात और कम ज्ञात दोनों दुनियाओं से परिचित कराना महत्वपूर्ण है। ऐसा कोई विषय हो जो घृणा, विद्वेष, भेदभाव अंधविश्वास, रूढ़िवादिता या दकियानूसी विचारों को फैलाये।  

                                                                   कथानक/ प्लॉट-

    “कहानी का केंद्र बिंदु कथानक होता है। कथानक कहानी का प्रारंभिक नक्शा होता है।उसी तरह जैसे माकन बनाने से पहले एक बहुत प्रारंभिक नक्शा कागज पर बनाया जाता है।“    - कृष्णा सोबती

     

    कथानक दिलचस्प और मनोरम तो हो पर ज्यादा जटिल हो। कथानक में सस्पेंस हो, इसके अभाव होने से परिणाम बहुत पूर्वानुमानित हो जाता है। जरूरी नहीं कि कथानक 'वास्तविक' हो, लेकिन तार्किक रूप से विकसित होना चाहिए, एक क्रम होना चाहिए। कथानक स्पष्ट शुरुआत, मध्य और अंत के साथ संरचित होता हो जिससे बच्चे आसानी से कहानी का अनुसरण कर सकें शुरुआत में पात्रों और परिवेश का परिचय, मध्य में क्लाइमेक्स और अंत में समाधान। कथानक ऐसा हो जिससे पाठक जुड़ सकें साथ ही जिज्ञासा, चिंतन, सीखने, हंसी और मनोरंजन के अवसर मिल सके। रोचक संवाद, हास्य, रोमांचक घटनाएँ ये सभी मिलकर ऐसी किताब बनाते है जिसे बच्चे बार बार पढ़ना चाहेंगे।

    पात्र

    एक पाठक के रूप में पात्र हमारे साथ रहते हैं, हम उन्हें अपने करीबी दोस्त की तरह महसूस करते हैं। अच्छे पात्र पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिससे प्यार करने, नफरत करने या पहचानने का कई मौका मिलता है, वास्तविक जीवन के लोगों की तरह ही। बच्चे के लिए किसी कहानी का चुनाव करते समय, ऐसे पात्रों की देख सकते है जो वास्तविक दुनिया की समस्याओं और भावनाओं का सामना करते हैं। उदाहरण के लिए, हानि, असफलता, सफलता, दुःख, भय, खुशी, क्रोध इत्यादि। शोध से पता चलता है कि छोटे बच्चे जानवरों या अपने जैसे उम्र के अन्य बच्चों के बारे में कहानियों का आनंद लेते हैं।

     

    चित्रांकन

    बच्चों की अच्छी किताब बनाने में चित्रांकन का एक महत्वपूर्ण पहलू है - खासकर युवा पाठकों के लिए। बच्चों को सबसे पहले चित्र ही आमंत्रित करते हैं। चित्र लगभग उतना ही महत्व रखते हैं जितना की पाठ या टेक्स्ट। चित्र ऐसे होने चाहिए जो कहानी को समझने में सहायता करे, ना की कहानी में जो लिखा है उसका दोहराव करे। पाठ और चित्रों का ओवरलैपिंग नहीं होना चाहिए। चित्रों में लिंग, सामाजिक-स्थिति, क्षेत्र, धर्म, जाति आदि का अपमानजनक चित्रण नहीं होना चाहिए। चित्रों पर हम अगले इकाई में विस्तार से बात करेंगे।

      

    सेटिंग/सन्दर्भ

    कहानियों में ऐसी सेटिंग्स होनी चाहिए जो पाठक को आकर्षित करें। सेटिंग का चयन कहानी में और अधिक अर्थ जोड़ता है। सेटिंग से तात्पर्य उस स्थान से है जहां कहानी घटित होती है। उदाहरण के लिए सेटिंग एक शहर, गांव, पड़ोस, एक घर, एक स्कूल आदि हो सकती है, लेकिन सेटिंग का तात्पर्य समय से भी है, यानी यह सब कब हुआ? विभिन्न कहानियों में शहरी, उप-शहरी और ग्रामीण परिवेश का संतुलन होना चाहिए। कहानी जो चित्रों और शब्दों के माध्यम से सेटिंग का विस्तृत विवरण प्रदान करती है, बच्चे को ठीक वैसे ही कल्पना करने में मदद करती है जैसे वह कहानी घटित होती है।

    पठन स्तर

    छोटे बच्चों के लिए कहानियों के चुनाव में पठन स्तर एक महत्वपूर्ण तत्व है, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि एक बच्चा कौन है, और एक निश्चित उम्र में बच्चे के लिए क्या उपयुक्त है। आइए एक प्रश्न लेते हैं: क्या बहुत छोटे बच्चों (कक्षा 1-3) के लिए चुना गया साहित्य बड़े बच्चों (कक्षा 4 और उससे ऊपर) के लिए चुने गए साहित्य से अलग होना चाहिए?
    जिसने भी बच्चों के साथ काम किया है वह इस बात से सहमत होगा कि सभी किताबें सभी आयु के लिए अच्छी तरह से काम नहीं करेंगी। आप छह साल की बच्ची को जटिल विषयों और सघन शब्दावली वाला 200 पेज का उपन्यास नहीं पढ़ा सकते और उससे ध्यान आकर्षित करने की उम्मीद नहीं कर सकते। इसलिए यह जरुरी है कि बच्चों को उनके पठन स्तर के अनुसार किताबें उपलब्ध कराई जाये।  

     

    मूल्य

    कई बार अच्छे बाल साहित्य से हम ऐसा समझने लगते हैं कि बच्चों के लिए सरल सपाट सा कुछ ऐसा हो जिससे बच्चों को नैतिक सिख मिले। हमें यह समझना होगा कि नैतिक सिख या मूल्य कह देने या लिख देने मात्र से नहीं मिलताकि क्या सही हैऔर क्या गलत है बल्कि जब हम बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाले साहित्य से सार्थक रूप से जुड़ने में मदद करते हैंतो निस्संदेहयह उनकी सोच और जीवन को समृद्ध करेगा। बच्चे को स्वयं सोचनेप्रश्न करनेखोज करनेमूल्योंधारणाओं की जांच करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

     

    क्या बच्चों को नैतिकता या मूल्यों की शिक्षा देने के लिए साहित्य का  प्रयोग किया जाना चाहिए? इस सवाल के अलग-अलग जवाब दिए जा सकते हैं मगर मेरा मानना है कि बच्चों के साहित्य को बच्चों के जीवन में उसी तरह की भूमिका अदा करनी चाहिए जिस तरह की भूमिका वयस्कों का साहित्य वयस्कों के जीवन में अदा करता है। क्या हम बड़े लोग साहित्य को मूल्य और आदर्श सीखने के लिए पढ़ते हैं? जब हम अपने पढ़ने के लिए कोई किताब चुनते हैं तो संभवतः यह कसौटी हमारे दिमाग में बहुत ऊपर नहीं होती। हम अपनी दिलचस्पी, किताब की उपलब्धता, उसके विषय, लेखक और विभिन्न दूसरे कारकों के आधार पर किताबें चुनते हैं।“ - शैलजा मेनन

     

     विविधता

    • हम एक विविध समाज में रहते हैं, जहाँ विविध लोग है, इसलिए बच्चों के किताबों में भी सभी का  प्रतिनिधित्व आवश्यक है.
    • विविधता मानव जीवन के स्पष्ट तथ्य को संदर्भित करती है- अर्थात्, अलग-अलग प्रकार के लोग हैं। इसमें व्यक्तिगत अंतर (जैसेव्यक्तित्वसीखने की शैलीविचार और जीवन के अनुभव) और समूह/सामाजिक अंतर (जैसेनस्ल/जातीयतावर्गलिंग, पहचान और अभिव्यक्तिक्षमतासांस्कृतिकधार्मिक संबद्धतामानसिक स्वास्थ्य स्थितिभाषा इत्यादि) शामिल हैं।
    • ऐसी कहानियां चुने जो विविधता प्रदर्शित करती है और समविशिता को बढ़ावा देती है। विविधता का उद्देश्य बच्चों की कहानियों को उपनिवेश से मुक्त करना हैऔर यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बच्चा खुद को कहानी की किताब के पन्नों पर पा सके।
    • विविध पुस्तकें लिंगवर्गजातिसंस्कृतिविकलांगतापारिवारिक संरचना और पहचान के कई अन्य पहलू की रूढ़िवादिता पर सवाल उठाती हैं.
    • ये किताबें हाशिए की पृष्ठभूमि के पाठकों को बताती हैं कि उनकी कहानियाँ और आवाज़ें और उनकी भावनाएँ मायने रखती हैं।

     

    विविधता कहानी के सभी तत्वों के लिए महत्वपूर्ण है 

    • पात्रों की विविधता शामिल हो
    • लिंग में विविधता शामिल हो
    • सेटिंग और कथानक में विविधता शामिल हो
    • चित्रांकन में विविधता हो
    • भाषा में विविधता शामिल हो


    बच्चों के लिए कहानी चुनने में कुछ और बातें है जिसे हमे ध्यान में रखना होगा

    • उनकी उम्र
    • अभिरुचियां
    • पसंद/नापसंद
    • दोस्त
    • क्षेत्र
    • पारिवारिक/सामाजिक स्थिति


  • 1 Quizes.

    पिछले मॉड्यूल में आपने बाल साहित्य, साहित्य और बाल साहित्य में अंतर तथा उसके जरुरत को समझा।

    इस मॉड्यूल में हम जानेगें:

    • साहित्य की विधाओं, जैसे कहानी, कविता, कथेतर और नाटक को समझना।
    • अच्छी कहानी और कविता की पहचान तथा उनके तत्व और गुण जानना।
    • बच्चों के जीवन में कहानी, कविता और नाटक के महत्व को समझना।
    • बाल साहित्य में चित्रों (इलस्ट्रेशन) की भूमिका को जानना।
    • अच्छी सचित्र पुस्तक की पहचान और उसकी सराहना करना।
    • विभिन्न चित्रण शैली और उनके रूपों को समझना।
    • चित्र पुस्तकों से जुड़ाव और साक्षरता में चित्रण की भूमिका को समझना।

     

  • 1 Assignments.

Requirements :

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Instructor :

admin

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